
UP Pension News: उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक नए अध्यादेश जारी किया गया है जो कर्मचारी के पेंशन से जुड़ा है , उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन पात्रता की स्थिति को स्पष्ट करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है , सरकार ने उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी और विधिमान्यकरण अध्यादेश, 2025 लागू किया है जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट लाई है , जिससे कर्मचारियों को झटका लग सकता है , सालों से पेंशन बहाली को लेकर लड़ रहे कर्मचारियों के लिए नया अध्यादेश जारी किया गया है।
जानिए क्या है यह नया अध्यादेश ( उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी और विधिमान्यकरण अध्यादेश, 2025 )
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से लाए गए ” उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी और विधिमान्यकरण अध्यादेश, 2025 ” महत्वपूर्ण बिंदु है।
अब से केवल वे कर्मचारी पेंशन के हकदार होंगे जिनकी नियुक्ति किसी स्थायी पद पर नियमानुसार हुई है।
CPF या EPF के सदस्य होने से पेंशन का अधिकार नहीं मिलेगा , अगर नियुक्ति नियमावली के तहत नहीं हुई है।
सरकार का यह कानून 1 अप्रैल 1961 से प्रभावी होगा जिससे पिछले 64 साल में हुई हर नियुक्ति इसके दायरे में आएगी।
जानिए सरकार को क्यों लाना पड़ा अध्यादेश ?
बड़ी संख्या में कर्मचारी पेंशन की मांग को लेकर न्यायालय में मुकदमा दर्ज करा रहे थे इसी कारण सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ रहा था , फलस्वरूप सरकार ने प्रशासनिक स्पष्टता और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।
अध्यादेश से होगा ये फायदा
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा लाए गए, इस फैसले से न्यायालय में होने वाले मुकदमों में कमी आएगी , सरकार के इस कदम से वित्तीय अनुशासन में सुधार होगा और पेंशन के दावों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सकेगा।
सरकार ने यह अध्यादेश लाकर इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि पेंशन केवल उन कर्मचारियों को मिलेगी जिनकी नियुक्ति नियम अनुसार हुई है।